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काले सेब की खेती, इस सेब की कीमत है 500 रुपये।

kale seb ki kheti : ब्लैक डायमंड एप्पल बेहद आसानी से नहीं उगता है। एक ब्लैक डायमंड एप्पल की कीमत लगभग 500 रुपये तक होती है। kale seb ki kheti   काले सेब की खेती ( kale seb ki kheti ) आज तक आपने कितने लाल और हरे रंग का सेब देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी काले रंग का सेब देखा है? जी हां काले रंग का सेब। सेब की कई वैरायटी होती हैं, जिनका स्वाद और गुण भी अलग होता है। आम दिनों में भी सेब की कीमतें भी काफी अच्छी रहती हैं। आज हम आपको जिस सेब के बारे में बताने जा रहे हैं उसे 'ब्लैक डायमंड एप्पल' के नाम से जाना जाता है। kale seb ki kheti बता दें कि ब्लैक डायमंड एप्पल काफी दुर्लभ होता है। इसे दुनिया के हर हिस्से में आसानी से नहीं लगाया जा सकता है। इस सेब को उगाने के लिए विशेष मौसम की आवश्यकता होती है। ब्लैक डायमंड एप्पल भूटान की पहाड़ियों पर उगाया जाता है। सेब की इस किस्म को 'हुआ नियू' भी कहा जाता है। इस सेब के स्वाद की बात करें तो इसका स्वाद कुरकुरा और रसदार होता है। kale seb ki kheti ब्लैक डायमंड एप्पल सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है। इसमें हाई सॉल्युबल फाइबर होते है
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जुकिनी की खेती कर रहे उत्तरप्रदेश के किसान, और ले रहे ज़बरदस्त मुनाफा।

zucchini yellow f1 hybrid ki kheti : उत्तरप्रदेश के किसान अब खेती में नए नए प्रयोग कर रहे हैं। zucchini ki kheti नए प्रकार की सब्जियों की खेती कर रहे हैं। जैसे काले टमाटर की खेती, लाल भिंडी की खेती, स्ट़्रॉबेरी की खेती, ड्रैगनफ्रूट की खेती के बाद अब यहा पर किसान जुकिनी की खेती कर रहे हैं। zucchini ki kheti जुकिनी की खेती कर रहे उत्तरप्रदेश के किसान उत्तरप्रदेश की जलवायु ऐसी है की यहां पर अधिकांश प्रकार के फल और सब्जियों की खेती की जा सकती है। यही कारण है कि यहां पर किसान लाल भिंडी औऱ स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं और बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं।  zucchini yellow f1 hybrid ki kheti इसी तरह उत्तरप्रदेश में एक और विदेशी सब्जी की खेती की जा रही है। जिसका नाम जुकिनी (Zucchini) है। उत्तरप्रदेश के शामली जिले के मनदीप सिंह गांव में स्थित एक फार्म में पहली बार करनाल कृषि विश्वविद्यालय की मदद से जुकिनी की खेती की गई है।  zucchini yellow f1 hybrid ki kheti

जिरेनियम फूलों की खेती की बढ़ रही काफी डिमांड, 20 हजार रुपये किलो बिकता है इसका तेल

geranium ki kheti : जिरेनियम फूलों की खेती शुरू करने पर पहली बार एक लाख रुपये का खर्च आता है। हालांकि, जिरेनियम के तेल की मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड है। 20 हजार रुपये किलो बिकता है इसका तेल। geranium ki kheti   geranium ki kheti जिरेनियम फूलों की खेती अधिकांश किसानों को लगता है कि केवल धान- गेहूं जैसे पारंपरिक फसलों की खेती से ही अच्छी कमाई की जा सकती है। geranium ki kheti लेकिन उन्हें मालूम नहीं है कि सुगंधित फूल और जड़ी बूटी की खेती में काफी अच्छी इनकम है। geranium ki kheti खास बात यह है कि फूलों की खेती करने वाले किसानों को सरकार प्रोत्साहित भी कर रही है। इसके लिए वह सब्सिडी मुहैया करा रही है। geranium ki kheti ऐसे में अगर किसान सुगंधित फूलों की खेती करें तो मालामाल हो सकते हैं. बस इलके लिए उन्हें फूलों की अच्छी किस्म का चुनाव करना होगा, जिसका मार्केट में अच्छा रेट मिल जाता है। geranium ki kheti   भारत में सुगंधित फूलों के रस का उपयोग कॉस्मेटिक आइटम्स बनाने में किया जाता है। geranium ki kheti इसका उपयोग इत्र, साबुन, सैम्पू और सौनदर्य प्रसाधान बनाने में किया जात

इस खेती से किसान कमा सकते है जल्दी बहुत सारा रुपया।

strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye : जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की है। जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं, जल्द बनना है अमीर तो करें इस फसल की खेती, कुछ ही महीनों में 9 गुना बढ़ जाएगी आमदनी। strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye    strawberry ki kheti छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्राबेरी की खेती लोकप्रिय हो रही है. अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वैल्यू के चलते इसे बड़े ही चाव के साथ खाया जा रहा है. राज्य के जशपुर, अंबिकापुर और बलरामपुर जिले में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye   स्ट्राबेरी की मांग के कारण स्थानीय स्तर पर ही इसकी खपत हो जा रही है. इसकी खेती से मिलने वाले लाभ के कारण लगातार किसान आकर्षित हो रहे हैं. एक एकड़ खेत में इसकी खेती से 4 से 5 लाख की आमदनी ली जा सकती है. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye   स्ट्रॉबेरी की खेती कब और कैसे करें, ज़्यादा उतपादन के लिए यह विधि अपनाये।   जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की है. जशपुर में

आकर्षक ठेला बनाओ गन्ने का रस बेचकर खूब पैसा कमाओ

ganne ke juice ka business : गांव में किसान गन्ने की खेती करता है। गन्ने की खेती को एक साल तक पालकर फिर उसे गन्ना मील में डालता है। उसको उसकी फसल का दाम तुरंत नहीं मिलता। किसान के घर में बहुत लोग होते हैं जो सीधा खेती पर निर्भर करते हैं। ganne ke juice ka business   ganne ke juice ka business खेती से किसान को सही दाम सही समय पर नहीं मिल पाता। किसान रात दिन कड़ी मेहनत करता है और फायदा वो लोग उठाते हैं जो खेती करना तक नहीं जानते। किसान की फसल से कोई चीज़ बनाकर सीधा ग्राहक को बेचा जाता है ,मुनाफा कमाया जाता है। ganne ke juice ka business आज के डिजिटल के दौर से गांव भी सीधा जुड़ा है ,हर किसी के घर में एक बड़ा फ़ोन है, उस फ़ोन में इंटरनेट भी हैं। उस फ़ोन में खूब वीडियो देखते है। ganne ke juice ka business गांव के किसान के बच्चों को समाज की परवाह किये बिना डिजिटल बनना पड़ेगा तब किसान अपनी हालत में सुधार ला सकेगा। किसान को अगर उसकी फसल का सही दाम सही समय पर मिलेगा तो कोई भी ख़ुशी से मेहनत से खेती करेगा। मज़दूरों को रोज़गार मिलेगा। ganne ke juice ka business कोई किसी की मदद जब तक नहीं कर सकता ज

राजनीती में आने से पहले राहुल अपना करियर बना चुके थे - जानिए क्या करते थे

राहुल गाँधी पहले दादी को खोया फिर पिता को फिर भी पढ़े लिखे कामयाब हो गए  - राहुल गाँधी ने भारतीय राजनीति और इतिहास के गहरे जुड़ाव के साथ साथ सामाजिक ताने बाने के प्रति अपनी समझ मज़बूत की है। अपने पिता और दादी दोनों को हिंसा और नफरत की घटनाओं में खोने केबाद भी वो हमेशा अहिंसा और सत्य के साथी रहे। bharat jodo yatra राहुल गाँधी का जन्म 19 जून 1970 में हुआ। उनका बचपन दिल्ली और देहरादून गुज़रा। उन्होंने अपनी शुरुवाती पढ़ाई दिल्ली के मॉर्डन स्कूल से की फिर सुरक्षा कारणों से आगे की पढाई के लिए दून पब्लिक स्कूल देहरादून चले गए। उनके पिता ने भी यंहा से पढ़ाई की थी।  1984 में अपनी दादी इंदिरा गाँधी की हत्या होने पर उनको अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी। bharat jodo yatra अपने कैरियर की शुरुवात उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से की। अपने सुरक्षा कारणों से दुसरे साल में वो अमेरिका चले गए। bharat jodo yatra उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ,अमेरिका में एड्मिशन लिया। फिर अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या होने बाद सुरक्षा कारणों से स्नातक के दूसरे वर्ष में फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज

rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी की खेती से करे लाखों में कमाई,खरीदने के लिए लगती है लोगों की लाइन।

rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी के बेहतर उत्पादन के लिए पहले नर्सरी तैयार करनी चाहिए। एक हेक्टेयर क्षेत्र के खेत में नर्सरी तैयार करने में लगभग 250 से 300 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।  rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी की खेती rangeen fulgobhi देशभर के कई जिलों में रंगीन फूलगोभी की खेती हो रही है। खास बात यह भी है कि इस रंगीन गोभी के सेवन के फायदे भी अधिक है। साथ ही इसकी कीमत भी आम गोभी (Cauliflower) को मुकाबले अधिक होती है जिससे किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है।  rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी rangeen fulgobhi के फायदे रंगीन फूलगोभी में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक आदि के गुण भी पाए जाते हैं। रंगीन गोभी बुज़ुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए लाभदायक है। यह इम्युनिटी और हड्डियों को भी मज़बूत बनाने में सहायक है। आइये जानते है इसके खेती के बारे में।  rangeen fulgobhi

नाशपाती की खेती की हो रही चारों तरफ डिमांड, किसान ले सकते है लाखों का मुनाफा

नाशपाती का हर पेड़ आम तौर पर 1 से 2 क्विंटल के बीच उत्पादन देता है।इस तरह से प्रति हेक्टेयर नाशपाती के बाग से 400 से 700 क्विंटल नाशपाती की पैदावार होती है। nashpati ki kheti नाशपाती की खेती दुनिया भर में नाशपाती की कुल 3000 से अधिक किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें से भारत नाशपाती की 20 से अधिक किस्मों का उत्पादन करता है।भारत में नाशपाती की खेती जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पाई जा सकती है।  nashpati ki kheti नाशपाती का पौधा आकार में मध्यम होता है. यह 30 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है, जबकि इसकी खेती 8-18 फीट तक पहुंच जाती है।  nashpati ki kheti नाशपाती की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी नाशपाती की खेती के लिए बलूई दोमट और गहरी मिट्टी की जरूरत होती है. कुल मिलाकर कहे तो नाशपाती की खेती के लिए ऐसी मिट्टी चाहिए होती है जिससे आसानी से पानी निकल जाये।  nashpati ki kheti नाशपाती की प्रमुख किस्म नाशपाती का पौधा वैसे तो आप अपने खेत में नर्सरी लगा कर खुद तैयार कर सकते है, एक पौधे की कीमत मार्केट में 35- 50 रुपए के बीच मिल जाती है। इसकी नर्सरी से भी आप मुनाफा ले सकते है, इसकी पू

Ravish Kumar Official रवीश कुमार का यूट्यूब चैनल

Ravish Kumar Official रवीश कुमार का यूट्यूब चैनल रवीश का नया ठिकाना   Ravish Kumar Official यूट्यूब पर या गूगल पर बोलकर या लिखकर डालिए Ravish Kumar Official ,आपके सामने रवीश कुमार का यूट्यूब चैनल आ जायगा , आप चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिये , घंटी का निशान भी दबा दीजिये ताकि आपको हर खबर की जानकारी मिल सके।  Ravish Kumar Official रवीश कुमार का नया ठिकाना नया काम यही है इसी से अब वो अपनी खबर को यंहा से भेजेंगे। जब आप इनकी खबर को शेयर करेंगे तो इनकी ख़बर को देश और दुनिया देखेगी।  Ravish Kumar Official जून के महीने में रवीश ने नखली चैनल चलाने वालो से परेशान होकर बनाया था ,उनसे मिलने वाले लोग उनसे उनके चैनल और खबर के बारे में पूछते थे लेकिन उनको क्या पता था की यह चैनल ही अब उनका नया ठिकाना बन जायगा।  Ravish Kumar Official लोग किसी भी मशहूर आदमी के नाम पर यूट्यूब चैनल बना लेते हैं , उस चैनल पर गलत खबर दिखाकर असली रवीश कुमार को उस गलती की गाली खिलाते हो जो उसने की ही नहीं। रवीश कुमार एक सच्चे , निडर और ईमानदार पत्रकार हैं जो बेबाकी से आम लोगों के बुनियादी मुद्दे उठाकर सरकार को आम लोगों

गन्ने की बुवाई का सही तरीका और गन्ने की उन्नत किस्मे।

method of sowing sugarcane : गन्ने की बुवाई अक्टूबर से भी की जा सकती हैं. इस समय बुवाई के दो लाभ हैं. गन्ने व शक़्कर की उपज बढ़ती है और साथ ही गेहूं सरसों या चुकुन्दर की मिश्रित फसल भी ली जा सकती है. improved varieties of sugarcane .   गन्ने की बुवाई का सही तरीका (method of sowing sugarcane) ठंडी के मौसम में शुरू होने वाली इस खेती को मुनाफे की खेती कहा जाता है. sowing sugarcane आप अगर पहली बार गन्ने की खेती करने जा रहे हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है। आप गन्ने की खेती करने जा रहे हैं तो मौसम के हिसाब से किन कस्मों का चयन करेंगे, इसके बाद बुवाई का सही तरीका क्या होगा, इस खबर में आपको इन सबकी जानकारी मिलेगी। sowing sugarcane बसंत कालीन बुवाई sowing sugarcane मध्य फरवरी से मध्य मार्च बुवाई करें. इसके बाद बुवाई करनी हो तो बीज की दर कुछ बड़ा देनी चाहिए. 15 मार्च बाद बुवाई करने हेतु सी ओ 419 के बजाए सी ओ 1007 किस्म काम में लेनी चाहिए. शरदकालीन गन्ने की अपेक्षा बसन्तकालीन गन्ने में उपज अधिक प्राप्त होती है।  किसान करे गन्ने sugarcane की इस वेरायटी Co 13235 की खेती, बदल सकती है किसानों की तकदी

यह बिजनेस शुरू करे और हर महीना कमाएं 40000 रुपए, मार्केट में बढ़ रही है काफी डिमांड।

biscuit business subsidy : सरकार की ओर से पैसाने के तमाम तरीके निकाले जा रहे हैं जिससे लोगों का आर्थिक संकट दूर हो सके। आपके पास नौकरी नहीं और आप पैसा कमाने के इच्छुक हैं तो यह खबर आपके बड़े ही काम आने वाली है। आप बहुत कम निवेश कर मोटी कमाई कर सकते हैं। biscuit business subsidy biscuit business subsidy सरकार की ओर से पैसाने के तमाम तरीके निकाले जा रहे हैं जिससे लोगों का आर्थिक संकट दूर हो सके। आपके पास नौकरी नहीं और आप पैसा कमाने के इच्छुक हैं तो यह खबर आपके बड़े ही काम आने वाली है।  biscuit business subsidy आप बहुत कम निवेश कर मोटी कमाई कर सकते हैं। बिजनेस ऐसा कि आपको ज्यादा निवेश करने की भी जरूरत नहीं है और मोटा पैसा भी कमा सकते है। हम बात कर रहे हैं बिस्किट की, जो जिसकी हमेशा मांग रहती है।  biscuit business subsidy आज ही शुरु करे सफल बिजनेस कटलरी बनाने की यूनिट cutlery manufacturing business और कमाए हर महीना। लॉकडाउन के दौरान जब सभी उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए उस समय पारले जी बिस्कुट की इतनी अधिक बिक्री हुई है कि पिछले 82 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है।

प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana के लिए ऐसे अप्लाई करें ऑनलाइन।

प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana : इस योजना के अंतर्गत सरकार ने 50 हजार करोड़ का बजट रखा है इस योजना के माध्यम से किसानो की आय में विधि होगी।  pm solar panel scheme प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana  का मुख्य उदेश्य छोटे बड़े किसानो को सोलर पैनल दवारा बिजली उपलब्ध करना है जसमे दो लाभ होगे हर समय बिजली मिलेगी और बची हुई बिजली को किसान बेच भी सकेगे।  प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana प्रधानमंत्री कुसम योजना 2022 इस योजना के अंतर्गत सरकार ने 50 हजार करोड़ का बजट रखा है इस योजना के माध्यम से किसानो की आय में विधि होगी।  प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana मेथा की खेती से 70 हज़ार प्रति एकड़ की कमाई संभव। प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 के लिए अवश्यक दस्तावेज  आधार कार्ड  प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana ज मीन ने अवश्यक दस्तावेज (खसर खतोनी )  प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना 2022 solar pannel yojana पेन कार्ड  प्रध

DG-09 गेहूं की वेरायटी का रहा जबरदस्त रिजल्ट, एक एकड़ में 40 कुंतल तक पैदावार।

DG-09 wheat variety : इस्राइल के गेंहू डीजी-09 DG-09 का 2 किलो बीज एक एकड़ के लिए काफी होता है। गेहूं वेरायटी DG-09 इससे 40 कुंतल तक पैदावार होती है। एक बीज से कई कल्ले निकलते हैं।  DG-09 wheat variety DG-09 wheat variety डीजी-09 किसान भाइयों आज हम आपको इस्राइल कंपनी के गेहूं DG-09 के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे है। इस सीजन पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश के काफी किसानों ने इजराइल तकनीक से इसराइल कंपनी की गेहूं वेरायटी DG-09 की खेती की जिसका रिजल्ट बहुत शानदार रहा। इस्राइल के गेंहू डीजी-09 DG-09 का 1 किलो 800 ग्राम बीज एक एकड़ के लिए काफी होता है।  DG-09 wheat variety DG-09 वेरायटी में एक बीज से काफी किल्ले निकलते है। जिसकी वजह से उत्पादन बढ़ता है। और लागत भी बहुत कम है, अगर इस खेती को इसराइल की तकनीक के आधार पर किया जाए।  DG-09 wheat variety किसान इस वक्त आम की फसल की करे ऐसे निगरानी, वरना झेलने होंगे बड़े नुकसान।

किसान इस वक्त आम की फसल की करे ऐसे निगरानी, वरना झेलने होंगे बड़े नुकसान।

Mango Crop ( aam ki dekhbhal ) : डॉ एसके सिंह से जानते हैं कि इस समय ऐसे कौन से प्रभावी उपाय हैं, जो आम की फसल को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।  aam ki dekhbhal Mango Crop (aam ki dekhbhal) आम की फसल ( Mango Crop ) के लिए यह समय बेहद ही महत्वपूर्ण है। यह समय आम में फल की गुठली लगने की प्रक्रिया के शुरू होने का है। असल में शुरुआत में आम के पेड़ में जिनते बौर लगे थे, उसमें से 95 फीसदी बौर इस समय तक गिर चुके होते हैं और 5 फीसदी बौर ही फल का रूप लेते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए मौजूदा समय को बागवानी विशेषज्ञ आम की फसल महत्वपूर्ण मानते हैं।  Mango Crop   ( aam ki dekhbhal ) आम की टॉप दस किस्में varieties of Mango, जिनका उत्पादन और मार्केट डिमांड ज्यादा और लागत कम। ऐसे समय में किसानों को कुछ प्रभावी उपाय करने की जरूरत होती हैं. अगर यह प्रभावी किसानों की तरफ से नहीं अपनाए जाते हैं तो आम की फसल पर कीड़े लगने की संभावना रहती है। आईए बागवानी विशेषज्ञ और डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के फल वैज्ञानिक डॉ एसके सिंह से जानते हैं कि इस समय

किसान करे गन्ने sugarcane की इस वेरायटी Co 13235 की खेती, बदल सकती है किसानों की तकदीर।

sugarcane variety Co 13235 : कोयम्बटूर शाहजहांपुर 13235 अगेती किस्म है, जो एम़एस़ 6847 और को़ 1148 के संकरण द्वारा विकसित की गयी है।  ganne ki kism Co 13235 sugarcane variety Co 13235 ganne ki kism ganne ki kism Co 13235 : गन्ना बुवाई का वक्त है। Co 238 किस्म को लाल सड़न रोग ने चपेट में ले रखा है तो ऐसे में कोशा.(कोयम्बटूर शाहजहांपुर) 13235 नंबर के गन्ने की बुवाई करना बेहद मुफीद माना जा रहा है। यह गन्ना co 238 नंबर गन्ने का बेहतर विकल्प बन रहा है।  sugarcane variety Co 13235 उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद ने इस वेरायटी को तैयार किया है, पिछले साल ही इस वेरायटी को स्वीकृति मिली है। परिषद ने प्रदेश के 28 जिलों में co s 13235 नंबर गन्ने का 300-300 क्विंटल बीज भेजा है। हालांकि इस बीज की अभी उपलब्धता बेहद कम है, लेकिन किसान गन्ने का बीज तैयार कर सकते हैं।  sugarcane variety Co 13235 एंथुरियम फूल की तरफ आकर्षित होरहे किसान, एंथुरियम फूल की खेती की पूरी जानकारी।