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जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

किसान इस औषधी की खेती करके कमा सकते है लाखो

5000 से 7000 रुपये की लागत से साल में 2 बार करे इस औषधि की खेती।  Castor aushadhi  पैदावार 300 क्विंटल और कमाई 40 लाख रुपये।  Castor aushadhi  राजस्थान में सबसे ज़्यादा ज़्यादा की जानी वाली खेती। Castor aushadhi किसान भाइयो यह खेती सबसे ज़्यादा राजस्थान में की जाती है और इस औषधी की किसान भाई साल में दो बार फसल लेते है।  Castor aushadhi  मार्किट में बहुत ही ज़्यादा डिमांड इस औषधी की फसल की।  Castor aushadhi 10 किलो बीजों की 2 एकड़ भूमि में एक बार बुबाई कर दो बार पैदावार, उत्पादन 300 क्विंटल और कमाई 40 लाख इस औषधी की खेती से आप काफी अच्छा प्रॉफिट ले सकते है।  Castor aushadhi  इस खेती को तैयार होने में 6 महीने का समय लगता है।  Castor aushadhi  जितने साल तक आप इसकी खेती करना चाहते है आप इस औषधी की खेती कर सकते है। क्युकी यह काफी पुराणी औषधी है। इसका नाम सुनते ही आप जान जायेंगे इस औषधी की खेती के बारे में।  Castor aushadhi यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण सूची को लेकर भूपेंद्र सिंह का बयान। इस औषधि की खेती के बारे में कहा जाता है की यह औषधी भारत की ही नहीं पूरी दुनिया की सबसे लोकप्रिय औ

यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण सूची को लेकर भूपेंद्र सिंह का बयान।

राज्य क्षेत्र इकाई में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं।  UP Panchayat elections  प्रशासन, संगठन या भविष्य के उम्मीदवार सभी क्षेत्र इकाई अपनी चुनावी तैयारी में लगे हुए हैं। इस सब के बीच, सभी बड़ी बेसब्री से आरक्षण सूची का इंतजार है।  UP Panchayat elections यूपी पंचायत चुनाव के आरक्षण की सूची कब आएगी।  इधर, पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह का बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव को खत्म करने का काम अप्रैल के आखिरी सप्ताह में होगा।  UP Panchayat elections  उसी अनुपात में आरक्षण जारी किया जाएगा।  UP Panchayat elections  उन्होंने सहारनपुर में यह उल्लेख किया, जहां वह सत पर बैंक के सहकर्मी बैंक के एजीएम में भाग लेने पहुंचे थे।  UP Panchayat elections इस पेड़ की खेती आपको हर बीमारी से बचाएगी। मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने यहां सर्किट हाउस में एक दैनिक समाचार पत्र को फटकार लगाई, जिसमें कहा गया था कि पंचायत चुनाव की प्रत्येक तैयारी पूरी हो गई है।  UP Panchayat elections  अप्रैल के अंतिम सप्ताह के भीतर, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत औ

इस पेड़ की खेती आपको हर बीमारी से बचाएगी।

अमलतास के एक पेड़ से आठ से दस किलोग्राम फलियाँ निकलती हैं।  Amaltas Tree  एक बार फलियाँ निकल जाने के बाद, उन्हें तुरंत बाजार में नहीं बेचा जा सकता, लेकिन उन्हें आम की तरह छीलकर पकाया जाता है।  Amaltas Tree  छिलका लगाने के लिए, फलियों को पानी के साथ छिड़का जाता है और हवा बंद कर दी जाती है। फलियाँ 15-20 दिनों में पक कर तैयार हो जाती हैं और अब बाज़ार में बेची जा सकती हैं। छीलने के बाद इन फलियों का वजन भी काफी बढ़ जाता है।  Amaltas Tree  समझें कि 10 किलोग्राम सेम छीलने के बाद 15 किलो वजन का होता है । Amaltas Tree क्या अमलतास का पेड़ वास्तव में लगाया जाना चाइये जब मैं कल एक गाँव जा रहा था तो मैंने देखा कि एक सज्जन बड़े काटवे की मदद से अमलतास की बेलनाकार फलियों को पेड़ से उतार रहे थे।  Amaltas Tree  उनके साथ, दो छोटे बच्चे इन फलियों को इकट्ठा कर के उन्हें ठेहली 2 पहिया वाहन पर ले जा रहे रहे थे। मुझे आश्चर्य हुआ कि वह इन फलियों का क्या करेगा।  Amaltas Tree  चर्चा के दौरान, यह पता चला कि यह साहिब वास्तव में एक ठेकेदार है जिसने कंपनी में अमलतास के सभी पेड़ों का अनुबंध किया है। क्या वे

क्या जेट्रोफा (रतनजोत) का पौधा डीजल का उत्पादन करता है

एक किसान ने जटरोफा की खेती  Jatropha Plant  के बारे में अपनी दुखभरी कहानी साझा की है कि कैसे उसे जेट्रोफा की खेती के बारे में धोखा दिया गया था। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि जेट्रोफा विदेश से आयात किया गया एक पौधा है,  Jatropha Plant  इसके बीजों से निकाला गया तेल किसी भी इंजन को चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।  Jatropha Plant जेट्रोफा (रतनजोत) पौधे का सच  कृषि समाचार पत्र ने पंजाब स्थित कृषि अनुसंधान संस्थान जेट्रोफा पर अनुसंधान करने वाले एक कृषि अनुसंधान संस्थान से संपर्क किया है।  Jatropha Plant  संस्था की स्थिति दर्ज की जाती है ताकि किसान भाइयों को किसी भी नर्सरी के मालिक द्वारा धोखा न दिया जाए।  Jatropha Plant  एजेंसी के अनुसार, पंजाब की जलवायु में, एक जेट्रोफा पौधा दो वर्षों में केवल एक किलो बीज का उत्पादन करने में सक्षम है।  Jatropha Plant खेती में मददगार यह मोबाइल ऐप इस तरह से 280 पौधों से प्रति एकड़ प्राप्त बीजों में से लगभग तीन मण का तेल निकाला जा सकता है। जिसकी लागत किसान को 250 रुपये प्रति लीटर है।  Jatropha Plant  जो किसी भी लिहाज से लाभदायक नहीं है। इस तरह, कंपन

खेती में मददगार यह मोबाइल ऐप

Farming Xarvio Scouting App:  फसलों में खरपतवार, रोगो से बहुत ज़्यादा समस्या होती है Farming Xarvio Scouting App जिसकी वजह से किसान फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त नहीं कर पाता है। इसलिए आज डिजिटल गाँव में डिजिटल जानकारी में हम आपको एक ऐसी एंड्राइड एप के बारे में बताएंगे जो खरपतवार, रोगो, आपके खेत में स्वचालित तनाव की पहचान और अनुमान, आपके फसल प्रबंधन को बहेतर बनाने के लिए व्यक्तिगत सूचनाएं, रडार की मदद से अपने आस पास के पर्यावरण को जाने।  Farming Xarvio Scouting App  यानी अब फसल की सभी समस्याओ का समाधान एक ही एप में। Xarvio Scouting App  किसानों का सच्चा दोस्त खरपतवार रोगों की पहचान करें किसान भाइयो आज की खेती में बहुत मुश्किलें आती है, किसान बहुत महेनत से फसल बोता है लेकिन खेत में खतपरवार और अन्य रोगो के आजाने से किसान उस फसल से औसत उत्पादन भी नहीं ले पाता है।  Farming Xarvio Scouting App  फसलों में ऐसे ऐसे रोग आते है की आप उन रोगो का पता भी नहीं होता इसलिए Xarvio Scouting App की मदद से किसान खतपरवार की पहचान, रोग की पहचान, पत्ते का रोग, फल पर रोग, जड़ में रोग आदि

अब नरेश टिकैत ने किसान आंदोलन के ज़्यादा तेज़ होने के संकेत दिए।

  नरेश टिकैत और अजीत सिंह आये राकेश टिकैत के साथ।   Naresh Tikait  कहा अब लड़ाई किसान की आन बान शान की है। भारतीय किसान यूनियन ने किसानो से आग्रह किया है की सुबह होते ही अपने घरो से निकले और गाज़ीपुर बॉर्डर की तरफ निकले और अपने आस पास की सड़को पर टेंट लगा के धरना पर्दशन करे। अब लड़ाई किसान की आन बान शान की है।  Naresh Tikait  नरेश टिकैत पूरी तरह से मैदान में आ चुके है। राकेश टिकैत का भावुक होना आज  बात है। यूपी के किसानो का कहना है की आज राकेश टिकैत रोये इसका मतलब देश का किसान रोया है। गाँव से ही पानी जयेगा। गाँव का किसान अपनी पूरी जान लगा देगा पर टिकैत परिवार पर आंच भी नहीं आने देगा।  Naresh Tikait क्या आज रात में खाली हो जयेगा गाज़ीपुर बॉर्डर। क्या अब यह आंदोलन और बड़ा होने जा रहा है। क्या यूपी सरकार और किसान आमने सामने आगये है। क्या हर सड़क पर प्र्दशन होगा। क्या टिकैत परिवार पुलिस प्रशाशन  कर पायेगा।  Naresh Tikait  नरेश टिकैत ने गाँव के लोगो से अपील की है की आंदोलन जारी रहेगा। किसानो के साथ धोखा किया गया है। जिन लोगो ने लाल किले पर झंडा फेरया वो सरकार के साथी है उनका उनसे कोई

क्या आज रात में खाली हो जयेगा गाज़ीपुर बॉर्डर।

  आज गाज़ीपुर बॉर्डर खाली हो सकता है। Gazipur border kisan andolan गाज़ीपुर बॉर्डर पर पुलिस फाॅर्स तैनात कर दी गयी है और ऊपर से प्रसासन ने आर्डर दे दिया गया है की आज इस बॉर्डर को किसानो से खाली करा दिया जाये। Will the Ghazipur border be empty tonight? शुरू में किसान नेता राकेश टिकैत ने ग्रिफ्तारी देने के लिए हां कर दी थी पर उनको लगा की यह सरकार की एक चाल है। उनको अपने किसान भाइयो को ख्याल है, उनको डर है की कहि पुलिस किसानो के साथ तांडव ना रच दे।   Will the Ghazipur border be empty tonight? राकेश टिकैत का कहना है की गिरफ़्तारी के नाम पर मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है। विधानसभा लखनऊ के नाम का पास लगी गाड़ियों में हथियार बंद गुंडे धरने  गए।   Gazipur border kisan andolan  सत्ता की ताकत और डर का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है।  Will the Ghazipur border be empty tonight? राकेश टिकैत आज काफी भावुक हो गए और उन्होंने कहा की में किसान को बर्बाद नहीं होने दूंगा। अगर कृषि बिल वापस नहीं हुए तो में अपनी जान दे दूंगा।   Gazipur border kisan andolan  राकेश टिकैत ने कहां की किसान को मरने

भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती में लागत और आमदनी।

ड्रैगन फ्रूट की इस वैरायटी का पौधा 1.5 साल में तैयार होजाता है और यह पौधा आपको जुलाई से अक्टूबर माह के बाच आपको 6 टन तक उत्पादन देता है।  Dragon Fruit Farming  जो बहुत ही शानदार उत्पादन है। और अगर 100 रुपये किलो भी मार्किट की कीमत लगाए तो 6 टन की 6 लाख। अगले साल उत्पादन आपका कम से कम 8 टन।  Dragon Fruit Farming भारत में ड्रैगन फ्रूट से लाखों कमाने की पूरी जानकारी। किसान भाइयो आज हम बात करेंगे ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में कैसे ड्रैगन फ्रूट की खेती से भारतीय किसान सालाना लाखो की आमदनी ले रहे है।  Dragon Fruit Farming  ड्रैगन फ्रूट असलियत में भारत का फल नहीं है यह फल है साउथ अमेरिका का।  Dragon Fruit Farming  तकरीबन 100 या 150 साल पहले स्पेनिश वाले ड्रैगन फ्रूट को वियतनाम लेकर आये थे। वह पे ये इस पौधे को अपने घर में शोक के तोर पर लगाते थे।  Dragon Fruit Farming  जब उनको इसके फल का टेस्ट अच्छा लगा तो उन्होंने इसकी खेती  ड्रैगन फ्रूट की खेती  करनी शुरू कर दी। 30 -40 सालो से वियतनाम में लगभग 50000 हेक्टेयर मे ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। और पूरी दुनिया में 90% ड्र

क्या आरक्षण लिस्ट में देरी से लेट हो जयेंगे ग्राम पंचायत चुनाव

 यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021- आरक्षण सूचि में देरी की वजह से कयास लगाए जा रहे है की आरक्षण की स्तिथि 15 फरवरी तक क्लियर हो सकती है। आरक्षण सूचि पहले 22 जनवरी में डिक्लेअर होनी थी पर अभी भी आरक्षण सूची पर काम चल रहा है।  UP Gram Panchayat Election यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021- आरक्षण सूचि में देरी की वजह से कयास लगाए जा रहे है की आरक्षण की स्तिथि 15 फरवरी तक क्लियर हो सकती है।  UP Gram Panchayat Election  आरक्षण सूचि पहले 22 जनवरी में डिक्लेअर होनी थी पर अभी भी आरक्षण सूची पर काम चल रहा है। यूपी के संसदीय कार्य, ग्राम्य विकास, समग्र ग्राम विकास राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के अनुसार 15 फरवरी तक आरक्षण की स्थिति साफ हो सकती है।  यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 पंचायत चुनाव को लेकर हर गांव की बनेगी एक ख़ास लिस्ट।

पंचायत चुनाव को लेकर हर गांव की बनेगी एक ख़ास लिस्ट।

पंचायत चुनावों के संबंध में, सभी पुलिस थानों को गाँव की मजिस्ट्रेट का सत्यापन और सत्यापन करने का आदेश दिया गया था।  UP Panchayat Chunav 2021  सूबे में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज इसी समय, यूपी पुलिस ने चुनाव के लिए अतिरिक्त तैयारी की है।  UP Panchayat Chunav 2021 पंचायत चुनाव को लेकर हर गाँव के एक नए सर्वेक्षण को एक 'विशेष' सूची बनाई जयेगी।  पंचायत चुनावों के संबंध में, सभी पुलिस थानों को गाँव की मजिस्ट्रेट का सत्यापन और सत्यापन करने का आदेश दिया गया था।  UP Panchayat Chunav 2021 सेब की खेती अब कहीं भी करे। सूबे में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज इसी समय, यूपी पुलिस ने चुनाव के लिए अतिरिक्त तैयारी की है। जहां एक ओर पुलिस चुनाव से पहले शस्त्र लाइसेंस के सत्यापन में लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर गांव के मजिस्ट्रियल को भी चिह्नित किया जा रहा है।  UP Panchayat Chunav 2021  आमतौर पर, इस बात की आलोचना होती है कि चुनावों में पुलिस अतिरिक्त रूप से उन लोगों पर प्रतिबंध लगाती है जिन्हें गलत तरीके से सूची में शामिल किया गया है। इस आलोचना के कारण, पुलिस ने यह आवश्यक कदम

सेब की खेती अब कहीं भी करे।

Apple Variety : सेब की इस वैरायटी से जुलाई माह में ले उत्पादन, इस समय कोई सेब मार्किट में नहीं रहता, ज़बरदस्त मुनाफा ले रहे किसान।  HRMN-99 Apple Variety for plain areas सेब की यह वैरायटी मैदानी इलाके में आसानी से लगाई जा सकती है किसान भाइयो डिजिटल गाँव में आज हम बात करेंगे सेब की ऐसी वैरायटी की जिसको किसान मैदानी इलाके में भी लगा सकते है और सेब का भरपूर उत्पादन ले सकते है।  HRMN-99 Apple Variety for plain areas  एक किसान राणा जी गाँव उचाना जिला करनाल में इसकी वैरायटी की खेती कर रहे है। और उनका सेब उसी रेट में बिक रहा है जिस रेट में हिमाचल प्रदेश और कश्मीर का सेब बिकता है।  HRMN-99 Apple Variety for plain areas पशुपालन का सारा काम करें एक एंड्राइड ऐप सेब की यह वैरायटी मैदानी इलाके में आसानी से लगाई जा सकती है। इस वैरायटी को कृषि विज्ञानं केंद्र पालमपुर हिमाचल प्रदेश ने विकसित किया है। इस वैरायटी न नाम है HRMN-99 इस वैरायटी को आप उत्तरप्रदेश, हरयाणा, पंजाब और राजस्थान में लगा सकते है और अच्छा उत्पादन ले सकते है।  HRMN-99 Apple Variety for plain areas गेहूं के पौधे कमजोर है तो

पशुपालन का सारा काम करें एक एंड्राइड ऐप

किसान भाइयो अगर आप पशुपालक है या डेरी किसान है E-Dairy mitra तो यह पोस्ट आपके लिए लिए। MOOOFARM BEST Dairy Farm Management App  डिजिटल गाँव आज डिजिटल जानकारी में एक ऐसी एंड्राइड एप के बारे में जानकारी देने जा रहा है तो पशुपालन के लिए काफी मददगार है। इस एंड्राइड एप में आपके पशुओ का पूरा डाटा मेन्टेन रहेगा। MOOOFARM BEST Dairy Farm Management App पशुपालक और डेरी फार्म किसानो के लिए सबसे बेस्ट एंड्राइड एप एक पशु पे आपका कितना खर्चा आरहा है, कितना दूध दे रही है, क्या क्या उसका फीड है, कब और क्या मेडिसिन देनी है, किस बीमारी में आपको कौन सी दवाई देनी चाइये। पूरा रिकॉर्ड आपको एक ही एंड्राइड एप में मिलेगा।  MOOOFARM BEST Dairy Farm Management App अगर आपको डॉक्टर की सलाह की ज़रूरत पड़ती है तो वो भी आप इस एंड्राइड एप की मदद से कभी भी दिन या रात ऑनलाइन ले सकते है। यानि आप डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते है।  MOOOFARM BEST Dairy Farm Management App गेहूं के पौधे कमजोर है तो अब क्या डालें फसल में। इस एंड्राइड एप का नाम है MOOOFARM इस एंड्राइड एप को आप फ्री मे

गेहूं के पौधे कमजोर है तो अब क्या डालें फसल में।

गेहूं की रिकॉर्ड तोड पैदावार, गेहूं के लिए सबसे अच्छा खाद।  किसान भाइयो आज हम बात करेंगे गेंहूं की फसल की। wheat plant is weak then what to add in crop किसान भाइयो अगर गेहूं की फसल आपकी 60 से 70 दिन की हो गयी है और आप रिकॉर्ड तोड़ पैदावार चाहते है तो इस समय गेहूं की फसल में कौन सा खाद डाले। यह खाद डालने से बालियाँ ज़्यादा और मोटी निकलेंगी।  wheat plant is weak then what to add in crop गेहूं की बालियां लंबी मोटी दाने वजनदार होंगे। गेहूं के पौधे कमजोर है तो अब क्या डालें फसल में।  किसान भाइयो अगर आपकी गेहूं की फसल 60 से 70 दिन की हो गयी है तो आपको  ऐसे खाद के बारे में बताने जा रहे है जो गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक है। हमे उम्मीद है की आपने शुरू में डीएपी भी डाली होगी, उसके बाद यूरिया और खतपरवार ख़त्म करने का हर्बीसीएड भी क्या होगा। अब गेंहूं के पौधे पे बालियाँ बननी शुरू हो जएंगी और यही से आपकी फसल का उत्पादन बढ़ेगा।  wheat plant is weak then what to add in crop   पोपलर की सभी किस्मों के बारे में जानकारी। किसान भाइयो अगर आपकी गेहूं की फसल कमज़ोर है, गेहूं के पौधे के तने कमज़ोर रहे ग

पोपलर की सभी किस्मों के बारे में जानकारी।

एक एकड़ से कमाई 6 लाख और साथ में करें सभी फसलें।  किसान भाइयो आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे पोपलर की खेती और पोपलर की पौध तैयार करके उसके बिज़नेस की।  Poplar Tree Farming पोपलर की खेती की आज मार्किट में ज़बरदस्त डिमांड है। और इस खेती का दोबारा से चलन चल पड़ा है। जनवरी से फरवरी माह के अंत तक पोपलर की काँची लगाकर पोपलर की पौध तैयार की जाती है। जिसका पेड़ अच्छी कीमत पर बिकता है।  Poplar Tree Farming  और इसी मौसम में इसका पेड़ भी लगाया जाता है। हर किसान पोपलर की खेती को करने के लिए आगे आरहा है। हम बात करेंगे पोपलर की सभी किस्मो की जिनका उत्पादन भी बहुत शानदार है और मार्किट में डिमांड भी बहुत ज़बरदस्त है।  Poplar Tree Farming   गन्ने का रस कितना फायदेमंद है इंसान के स्वस्थ के लिए। हम बात कर रहे है पोपलर की खेती की, जिसका आज मार्किट में ज़बरदस्त रेट आचुका है।  Poplar Tree Farming  पोपलर की खेती से किसान एक एकड़ से 6 लाख का मुनाफा ले सकते है।  Poplar Tree Farming  दोबारा से मार्किट में पोपलर की खेती की डिमांड बढ़ी है। आप पोपलर की खेती के साथ इसी खेत में धान की फसल को छोड़ कर और सभी फसलों क

मोरपंखी की खेती करके किसान कमा रहे 5 लाख प्रति एकड़

  मोरपंखी की खेती कैसे करे किसान इसकी पूरी जानकारी मोटी कमाई का जरिया मोरपंखी की खेती कमाये 5 लाख प्रति एकड़, यह बात एक दम सत्य है। डिजिटल दौर में आज किसान नई नई तकनीक से खेती कर रहा है।  Morpankhi ki kheti  और उस फसल की खेती कर रहा है जिसको बहुत ही कम किसान कर रहे है और मार्किट में उस फसल की डिमांड बहुत ज़्यादा है।  Morpankhi ki kheti ऐसा ही कुछ मोरपंखी की खेती के साथ है। इसकी खेती आप भारत के किसी भी राज्य के किसी भी गाँव में कर सकते है।  Morpankhi ki kheti  और मोरपंखी की खेती किसानो के लिए काफी लाभ दायक साबित हो रही है। क्युकी मार्किट में इसकी बहुत ज़्यादा डिमांड है। और इसकी खेती पहले बहुत ही कम अस्तर पर की जाती थी लेकिन आज धीरे धीरे इसका क्षेत्र बढ़ रहा है।  Morpankhi ki kheti गन्ने का रस कितना फायदेमंद है इंसान के स्वस्थ के लिए। मोरपंखी के पत्तो की कीमत मार्किट में आज 70 से 80 रुपये किलो है। यह पत्ते शादी में सजावट में काम आते है। जब भी शादी का सीज़न ए तब आप इसकी कटिंग कर के मार्किट में बेच सकते हो। कम से कम साल में दो बार कटिंग कर सकते है आप।  Morpankhi ki kheti सबसे ख़ास ब