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जनवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राजनीती में आने से पहले राहुल अपना करियर बना चुके थे - जानिए क्या करते थे

राहुल गाँधी पहले दादी को खोया फिर पिता को फिर भी पढ़े लिखे कामयाब हो गए  - राहुल गाँधी ने भारतीय राजनीति और इतिहास के गहरे जुड़ाव के साथ साथ सामाजिक ताने बाने के प्रति अपनी समझ मज़बूत की है। अपने पिता और दादी दोनों को हिंसा और नफरत की घटनाओं में खोने केबाद भी वो हमेशा अहिंसा और सत्य के साथी रहे। bharat jodo yatra राहुल गाँधी का जन्म 19 जून 1970 में हुआ। उनका बचपन दिल्ली और देहरादून गुज़रा। उन्होंने अपनी शुरुवाती पढ़ाई दिल्ली के मॉर्डन स्कूल से की फिर सुरक्षा कारणों से आगे की पढाई के लिए दून पब्लिक स्कूल देहरादून चले गए। उनके पिता ने भी यंहा से पढ़ाई की थी।  1984 में अपनी दादी इंदिरा गाँधी की हत्या होने पर उनको अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी। bharat jodo yatra अपने कैरियर की शुरुवात उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से की। अपने सुरक्षा कारणों से दुसरे साल में वो अमेरिका चले गए। bharat jodo yatra उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ,अमेरिका में एड्मिशन लिया। फिर अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या होने बाद सुरक्षा कारणों से स्नातक के दूसरे वर्ष में फ्लोरिडा के रोलिंस कॉलेज

rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी की खेती से करे लाखों में कमाई,खरीदने के लिए लगती है लोगों की लाइन।

rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी के बेहतर उत्पादन के लिए पहले नर्सरी तैयार करनी चाहिए। एक हेक्टेयर क्षेत्र के खेत में नर्सरी तैयार करने में लगभग 250 से 300 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।  rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी की खेती rangeen fulgobhi देशभर के कई जिलों में रंगीन फूलगोभी की खेती हो रही है। खास बात यह भी है कि इस रंगीन गोभी के सेवन के फायदे भी अधिक है। साथ ही इसकी कीमत भी आम गोभी (Cauliflower) को मुकाबले अधिक होती है जिससे किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है।  rangeen fulgobhi रंगीन फूलगोभी rangeen fulgobhi के फायदे रंगीन फूलगोभी में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होती है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक आदि के गुण भी पाए जाते हैं। रंगीन गोभी बुज़ुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए लाभदायक है। यह इम्युनिटी और हड्डियों को भी मज़बूत बनाने में सहायक है। आइये जानते है इसके खेती के बारे में।  rangeen fulgobhi

किसान अब करे काले टमाटर की खेती, मार्केट में बढ़ रही काफी डिमांड। kale tamatar ki kheti

kale tamatar ki kheti : काले टमाटर की खेती से प्रति हेक्टेयर 5 लाख का मुनाफा जानिए इसकी खेती की पूरी जानकारी। सबसे पहले काले टमाटर की खेती की शुरूआत इंग्लैंड में हुई है। आज इंडिया में भी काले टमाटर की खेती की शुरूआत हो चुकी है। Black tomato farming काले टमाटर की खेती अब भारत में kale tamatar ki kheti काले टमाटर की खेती की जानकारी kale tamatar ki kheti भारत की जलवायु को काले टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त माना गया है, इसे भी आप लाल टमाटर की तरह ही ऊगा सकते है। काले टमाटर की क़िस्म ठंडे स्थानों में ठीक से विकास नहीं कर पाती है। इसके लिए गर्म जलवायु वाला क्षेत्र उपयुक्त होता है।  kale tamatar ki kheti काले टमाटर की उन्नत किस्मे kale tamatar ki kisme  ब्लू चॉकलेट, ब्लू गोल्ड फ़ारेनहाइट ब्लूज, डांसिंग विथ स्मर्फस, हेल्सिंग जंक्शन ब्लूज, इंडिगो ब्लू बेरीज डार्क गैलेक्सी, इंडिगो रोज़, इंडिगो रब, सनब्लैक, पर्पल बंबलबी, ब्लैक ब्यूटी, ब्लू बायो काले टमाटर की खेती कब करे kale tamatar ki kheti सर्दियों के जनवरी माह में पौध की बुआई की जाती है और गर्मियों यानी मार्च-अप्रैल के माह में किस

नाशपाती की खेती की हो रही चारों तरफ डिमांड, किसान ले सकते है लाखों का मुनाफा

नाशपाती का हर पेड़ आम तौर पर 1 से 2 क्विंटल के बीच उत्पादन देता है।इस तरह से प्रति हेक्टेयर नाशपाती के बाग से 400 से 700 क्विंटल नाशपाती की पैदावार होती है। nashpati ki kheti नाशपाती की खेती दुनिया भर में नाशपाती की कुल 3000 से अधिक किस्में उपलब्ध हैं, जिनमें से भारत नाशपाती की 20 से अधिक किस्मों का उत्पादन करता है।भारत में नाशपाती की खेती जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पाई जा सकती है।  nashpati ki kheti नाशपाती का पौधा आकार में मध्यम होता है. यह 30 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है, जबकि इसकी खेती 8-18 फीट तक पहुंच जाती है।  nashpati ki kheti नाशपाती की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी नाशपाती की खेती के लिए बलूई दोमट और गहरी मिट्टी की जरूरत होती है. कुल मिलाकर कहे तो नाशपाती की खेती के लिए ऐसी मिट्टी चाहिए होती है जिससे आसानी से पानी निकल जाये।  nashpati ki kheti नाशपाती की प्रमुख किस्म नाशपाती का पौधा वैसे तो आप अपने खेत में नर्सरी लगा कर खुद तैयार कर सकते है, एक पौधे की कीमत मार्केट में 35- 50 रुपए के बीच मिल जाती है। इसकी नर्सरी से भी आप मुनाफा ले सकते है, इसकी पू

Ravish Kumar Official रवीश कुमार का यूट्यूब चैनल

Ravish Kumar Official रवीश कुमार का यूट्यूब चैनल रवीश का नया ठिकाना   Ravish Kumar Official यूट्यूब पर या गूगल पर बोलकर या लिखकर डालिए Ravish Kumar Official ,आपके सामने रवीश कुमार का यूट्यूब चैनल आ जायगा , आप चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिये , घंटी का निशान भी दबा दीजिये ताकि आपको हर खबर की जानकारी मिल सके।  Ravish Kumar Official रवीश कुमार का नया ठिकाना नया काम यही है इसी से अब वो अपनी खबर को यंहा से भेजेंगे। जब आप इनकी खबर को शेयर करेंगे तो इनकी ख़बर को देश और दुनिया देखेगी।  Ravish Kumar Official जून के महीने में रवीश ने नखली चैनल चलाने वालो से परेशान होकर बनाया था ,उनसे मिलने वाले लोग उनसे उनके चैनल और खबर के बारे में पूछते थे लेकिन उनको क्या पता था की यह चैनल ही अब उनका नया ठिकाना बन जायगा।  Ravish Kumar Official लोग किसी भी मशहूर आदमी के नाम पर यूट्यूब चैनल बना लेते हैं , उस चैनल पर गलत खबर दिखाकर असली रवीश कुमार को उस गलती की गाली खिलाते हो जो उसने की ही नहीं। रवीश कुमार एक सच्चे , निडर और ईमानदार पत्रकार हैं जो बेबाकी से आम लोगों के बुनियादी मुद्दे उठाकर सरकार को आम लोगों

किसान और मज़दूर जानता है राहुल गाँधी की टीशर्ट का राज़

जिस टीशर्ट का मज़ाक बनाया उसी को राहुल गाँधी ने ब्रांड बनाया (rahul ki t-shirt ka raz) rahul ki t-shirt ka raz राहुल गाँधी सर्दी के मौसम में सिर्फ हाफ बाज़ू की टीशर्ट पहन कर भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। देश का मीडिया रोज़ाना टीशर्ट पे कोई न कोई बहस ज़रूर करा ही लेता हैं। सबको जानने की होड़ लगी हैं की आखिर क्या कारण हैं जिस वजह से राहुल कड़ी सर्दी में , ठंडी हवाओं के बीच सडकों पर चल रहा हैं , आम लोग सब गरम कपड़ों में मौजूद होते हैं मगर राहुल उनके बीच  टीशर्ट पहन भारत जोड़ो यात्रा पर चल रहे हैं। rahul ki t-shirt ka raz क्या कारण हैं की राहुल टीशर्ट में हैं rahul ki t-shirt ka raz देश का किसान और मज़दूर रोज़ाना चलता भी हैं और कड़ी मेहनत करता हैं , उसको पता है की जब काम किया जाता है तो सर्दी भाग जाती है। rahul ki t-shirt ka raz जब थोड़ा तेज़ चला जाता हैं तो शरीर में गर्मी लगने लगती है ,पसीने आने लगते हैं।  किसान और मज़दूर जानता है क्योंकि वो रोज़ मेहनत करता है सर्दी में भी ,गर्मी में भी , दिन में भी और रातों को भी ,धुप में भी और बरसात में भी इसलिए जिस्म से कड़ी मेहनत करने वालों को पत