strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye: जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की है। जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं, जल्द बनना है अमीर तो करें इस फसल की खेती, कुछ ही महीनों में 9 गुना बढ़ जाएगी आमदनी। strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
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छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्राबेरी की खेती लोकप्रिय हो रही है. अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वैल्यू के चलते इसे बड़े ही चाव के साथ खाया जा रहा है. राज्य के जशपुर, अंबिकापुर और बलरामपुर जिले में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
स्ट्राबेरी की मांग के कारण स्थानीय स्तर पर ही इसकी खपत हो जा रही है. इसकी खेती से मिलने वाले लाभ के कारण लगातार किसान आकर्षित हो रहे हैं. एक एकड़ खेत में इसकी खेती से 4 से 5 लाख की आमदनी ली जा सकती है.strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
स्ट्रॉबेरी की खेती कब और कैसे करें, ज़्यादा उतपादन के लिए यह विधि अपनाये।
जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की है. जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं. इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है. किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाली स्ट्राबेरी की गुणवत्ता अच्छी है और साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने के कारण व्यापारियों को ताजे फल मिल रहे हैं. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की है. जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं. इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है. किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाली स्ट्राबेरी की गुणवत्ता अच्छी है और साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने के कारण व्यापारियों को ताजे फल मिल रहे हैं. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
ठंडे मौसम की जरूरत होती है strawberry ki kheti
स्ट्राबेरी की खेती धान के मुकाबले कई गुना फायदे का सौदा है. जहां धान की खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊपन के साथ- साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है, वहीं स्ट्राबेरी की खेती सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाइ में भी की जा सकती है. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmayeसाथ ही धान की खेती में जहां देख-रेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए देख-रेख की कम जरूरत पड़ी है. सिर्फ इसके लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है. धान से एक एकड़ में करीब 50 हजार रुपये की आमदनी ली जा सकती है, वहीं स्ट्राबेरी की खेती में 3 से 4 लाख की आमदनी हो सकती है. इस प्रकार धान से 8-9 गुना आमदनी मिलती है. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye75000 किलोग्राम स्ट्राबेरी के उत्पादन होने की संभावना है strawberry ki kheti जशपुर में जलवायु की अनूकूलता को देखते हुए 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की फसल ली गई है. इन किसानों ने अक्टूबर में स्ट्राबेरी के पौधे रोपे और दिंसबर में पौधे से फल आना शुरू हो गए. फल आते ही किसानों ने हरितक्राति आदिवासी सहकारी समिति के माध्यम से या स्वयं अच्छी पैकेजिंग की. पैकेजिंग के साथ कुछ समय में अच्छी किमत मिलने लगी. 25 किसानों ने दो-दो हजार पौधे लगाए हैं. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
इससे हर किसान को अब तक करीब 40 से 70 हजार रुपये की आमदनी हो चुकी है. किसानों ने बताया कि स्ट्राबेरी के पौधों पर मार्च तक फल आएंगे. इससे करीब एक किसान को एक से डेढ़ लाख रुपये की आमदनी संभावित है. वहीं, एक किसान से करीब 3000 किलो स्ट्राबेरी फल होने और सभी किसानों से कुल 75000 किलोग्राम स्ट्राबेरी के उत्पादन होने की संभावना है.strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
मल्चिंग और तकनीकी मदद मिली है strawberry ki kheti
जशपुर के किसान धनेश्वर राम ने बताया कि पहले उनके पास कुछ जमीन थी जो अधिक उपजाऊ नहीं थी. वह बंजर जैसी थी. मुश्किल से कुछ मा़त्रा में धान की फसल हो पाती थी. जब उन्हें विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन मिलने पर इस फल की खेती प्रारंभ की, तो आमदनी बढ़ गई. साथ ही नाबार्ड संस्था से सहयोग भी मिला.strawberry ki kheti se jaldi paisa kmayeउन्होंने कहा कि 25 डिसमील़ के खेत में स्ट्राबेरी के 2000 पौधे का रोपण किया. तीन माह में ही अच्छे फल आ गए हैं. मार्केट में इसकी उन्हें 400 रूपए प्रति किलो की कीमत मिल रही हैं. उन्हें अभी तक करीब 70 हजार रुपये की आय हो गई है. उन्हें राष्ट्रीय बागवानी मिशन से मल्चिंग और तकनीकी मदद मिली है. strawberry ki kheti se jaldi paisa kmaye
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