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अब किसान इस खेती से कर सकते है ज़बरदस्त कमाई, कृषि वैज्ञानिकों ने दी पूरी जानकारी

Gooseberry farming and Gooseberry varities : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के फल वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह बताते हैं कि आंवले की खेती कर किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। लेकिन ध्यान से आंवले की किस्म का चुनाव करें और वैज्ञानिक तरीके से इसकी खेती करें, फिल सालाना लाखों रुपये कमा सकता है। Gooseberry farming and Gooseberry varities

अब किसान इस खेती से कर सकते है ज़बरदस्त कमाई, कृषि वैज्ञानिकों ने दी पूरी जानकारी

Amla ki kheti aur Amla ki kisme

हमारे देश में आंवला की खेती सर्दी और गर्मी दोनों मौसमों में की जाती है। पूर्ण विकसित आंवले के पेड़ में तापमान 0 से 46 डिग्री सेंटीग्रेड तक सहन करने की क्षमता होती है। यानी गर्म वातावरण फूलों की कलियों को निकलने में मदद करता है। Gooseberry farming and Gooseberry varities

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अगले साल फिर आए बंपर आम इसलिए इसी महीने से करे आम के बाग में ये काम।

जुलाई से अगस्त के महीने में अधिक नमी के कारण छोटे-छोटे फल लगते हैं, जबकि बरसात के दिनों में पेड़ से अधिक फल गिरते हैं, जिससे नए छोटे फलों के निकलने में देरी होती है। Gooseberry farming and Gooseberry varities

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आंवला की खेती के बारे में पूरी जानकारी

फल वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह बताते हैं कि आंवले की खेती रेतीली मिट्टी से चिकनी मिट्टी तक सफलतापूर्वक की जा सकती है। 

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आंवले की खेती के लिए 10 फीट x 10 फीट या 10 फीट x 15 फीट की खुदाई की जाती है, पौधा लगाने के लिए 1 क्यूबिक मीटर आकार का गड्ढा खोदा जाना चाहिए। Gooseberry farming and Gooseberry varities

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गड्ढों को 15 से 20 दिनों के लिए धूप लेने के लिए छोड़ देना चाहिए, फिर 20 किलो वर्मी कम्पोस्ट या कम्पोस्ट खाद, 1 से 2 किलो नीम की खली और 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर प्रत्येक गड्ढे में मिलाना चाहिए। Gooseberry farming and Gooseberry varities

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गड्ढा भरते समय 70 से 125 ग्राम क्लोरोपायरीफॉस का घोल भी भर देना चाहिए। मई में इन गड्ढों में पानी भर देना चाहिए, जबकि गड्ढे भरने के 15 से 20 दिन बाद ही पौधरोपण करना चाहिए। Gooseberry farming and Gooseberry varities

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अंजीर खाए और बहुत सी बीमारियों से बचे, यहां जाने अंजीर खाने के फायदे।

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आंवले की प्रमुख किस्में

नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, फैजाबाद द्वारा आंवले की कई प्रजातियाँ विकसित की गई हैं। अच्छे फलों के लिए किसान इन प्रजातियों में अधिक डाल रहे हैं। इसके नरेंद्र और कचनव कृष्ण अभी सबसे ज्यादा प्रचलन में हैं। Gooseberry farming and Gooseberry varities

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आंवला की किस्में किस अनुपात में लगाए

आंवला परागित होता है, इसलिए अधिकतम उपज के लिए आंवले की कम से कम 3 किस्मों को 2: 2: 1 के अनुपात में लगाया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए एक एकड़ में। सर्वोत्तम परिणामों के लिए नरेंद्र-7 के 80, कृष्ण के 80 और कंचन के 40 पौधे लगाने चाहिए। Gooseberry farming and Gooseberry varities


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आंवले की खेती में खाद की मात्रा

एक वर्ष के बाद पौधों को 5-10 kg गोबर की खाद देना चाहिए, 100 ग्राम नाइट्रोजन, 50 ग्राम फास्फोरस और 80 ग्राम पोटाश देना चाहिए, अगले दस वर्षों तक पेड़ की उम्र से गुणा करके खाद और उर्वरक का निर्धारण करें और इस तरह खाद और उर्वरक की मात्रा निर्धारित करें । प्रति वृक्ष 100 क्विंटल सड़ी गाय का गोबर, 1 किलो नाइट्रोजन, 500 ग्राम फास्फोरस और 800 ग्राम पोटाश देना चाइए। Gooseberry farming and Gooseberry varities

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आंवले की खेती में सिंचाई

पहली सिंचाई रोपण के तुरंत बाद करनी चाहिए, उसके बाद पौधों को आवश्यकतानुसार गर्मी में 7-10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। पेड़ की सुप्त अवस्था (दिसंबर-जनवरी) और मार्च में फूल आने के बाद सिंचाई नहीं करनी चाहिए। Gooseberry farming and Gooseberry varities

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आंवले का पौधा कब फल देगा

आंवला का कलमी पौधा रोपण के तीसरे वर्ष और बीज का पौधा 6 से 8 वर्ष बाद फल देना शुरू कर देता है। कलमी का पौधा 10 से 12 साल बाद पूरी तरह फलने लगता है और अच्छे रखरखाव से यह पेड़ 50 से 60 साल तक फल देता है। Gooseberry farming and Gooseberry varities


एक पूर्ण विकसित आंवले का पेड़ एक से तीन क्विंटल फल देता है। इस प्रकार प्रति हेक्टेयर 15 से 20 टन उपज प्राप्त की जा सकती है। और किसान भाई आंवले की खेती से लाखों कमा सकते हैं। Gooseberry farming and Gooseberry varities

आंवला की खेती के साथ साथ इसी खेत में गंदे की खेती करे और डबल मुनाफा कमाए। गेंदे की खेती के लिए अच्छी किस्मों को चुनाव करे। इसके लिए यह पोस्ट अवश्य पढ़े। गेंदे की खेती के लिए गेंदे की किस्में जिनसे मिलेगा ज़बरदस्त उत्पादन। Amla ki kheti aur Amla ki kisme
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