मूंग की खेती और उन्नत किस्मों की जानकारी।

moong ki sabse acchi kisme: मूंग की यह किस्म सिंचित इलाकों में गर्मियों के मौसम में उगाई जाती है। जो 65 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी पैदावार प्रति एकड़ ढाई से साढे़ तीन कुंतल है। moong ki kheti मूंग की सबसे अच्छी किस्में

मूंग की खेती और उन्नत किस्मों की जानकारी।

मूंग की सबसे अच्छी किस्में (moong variety)

moong ki kheti : गर्मियों में विभिन्न किस्मों की दलहन की फसलों में मूंग की खेती का विशेष स्थान है। मूंग या समर मूंग की खेती के फायदों को देखते हुए कृषि विभाग किसानों को इस फसल की खेती करने की सलाह देता है। विभाग के अनुसार, इसकी खेती करने से अतिरिक्त आय, खेतों का खाली समय में सदुपयोग, भूमि की उपजाऊ शक्ति में सुधार, पानी की सदुपयोग आदि के कई फायदे बताए गए है। moong ki sabse acchi kisme

मूंग की किस्में

(के 851) 

यह किस्म किसी भी जमीन में उगाई जा सकती है। moong ki kheti जहां इस फसल के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था हो। इस फसल के पौधे मध्यम ऊंचाई वाले, दानों का आकार मध्यम व चमकीले हरे होते है। ज्यादातर फलियां एक बार में पक जाती हैं। इसकी पैदावार प्रति एकड़ तीन से चार कुंतल है। moong ki sabse acchi kisme

पूसा बैसाखी (टाइप 44) 

मूंग की यह किस्म सिंचित इलाकों में गर्मियों के मौसम में उगाई जाती है। जो 65 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी पैदावार प्रति एकड़ ढाई से साढे़ तीन कुंतल है। moong ki sabse acchi kisme

मुस्कान (एम.एच.96-1) 

इस किस्म की ग्रीष्म व खरीफ दोनों में उगाया जा सकता है। ग्रीष्म काल में फलियां एक साथ पकती है। अधिक पकने पर इनके दाने झड़ जाते है। इसकी पैदावार चार कुंतल प्रति एकड़ है। moong ki sabse acchi kisme

(एस.एम.एल-668) 

यह पंजाब की किस्म है। जिसे धान, गेहूं वाले सिंचित क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। इसके दाने मोटे, चमकीले व हरे होते है। फलियां एक साथ पकती है और इसकी पैदावार चार कुंतल प्रति एकड़ है। यह किस्म 65-70 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। moong ki sabse acchi kisme

बिजाई का उत्तम समय मार्च का महीना होता है, लेकिन मूंंग एसएमएल-668, गेहूं कटाई के बाद 15 से 20 अप्रैल तक भी बोया जा सकता है। moong ki sabse acchi kisme

बीज की मात्रा व बजाई:

गर्मियों में 10-12 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ में डालना चाहिए। इस फसल की बिजाई के लिए फासला 20-25 सै.मी. रख कर बिजाई करने से जमाव ठीक होता है। moong ki sabse acchi kisme

बीज का उपचार:

अन्य दलहनी फसलों की तरह समर मूंग के बीज को भी जड़ गलन रोग से बचाव के लिए प्रति किलोग्राम बीज में दो ग्राम कार्बोण्डाजिम (बाविस्टिन) लगाकर बोएं। इसके बाद राइजोबियम टीके से उपचारित करना अति आवश्यक होता है। moong ki sabse acchi kisme

टीके के उपचार के लिए 50 ग्राम गुड़ को 250 मिली लीटर पानी में घोलकर बीजों पर छिड़क देने से बीज के दाने चिपचिपे हो जाते है। बीजों के चिपचिपे दानों के ऊपर टीके को छिड़ककर हाथ से अच्छी तरह से मिला दें। जिससे प्रत्येक दाने पर टीका चिपक जाए। इसके बाद बीज को छाया में सुखाकर बिजाई करनी चाहिए। moong ki sabse acchi kisme

खाद की मात्रा:

समर मूंग की फसल में बिजाई के समय 6 से 8 किलोग्राम शुद्ध नाइट्रोजन व 16 किलोग्राम शुद्ध फासफोरस प्रति एकड़ काफी होती है। बाद में मूंग स्वयं वातावरण से नाइट्रोजन अर्जित कर लेती है। जिससे पौधों की बढ़वार तो होती है साथ में खेत में भी नाइट्रोजन की मात्रा जमा कर देती है।

आवश्यकतानुसार निराई गुड़ाई व सिंचाई कैसे करे

कटाई: जब फलियां पक जाएं तो फलियों की तुड़ाई भी कर सकते है। फलियां तोड़ने के बाद फसल को खेत में दबाने से फसल हरी खाद का काम करती है और खेत को मजबूती मिलती है।

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