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किसान इस वक्त आम की फसल की करे ऐसे निगरानी, वरना झेलने होंगे बड़े नुकसान।

Mango Crop (aam ki dekhbhal) : डॉ एसके सिंह से जानते हैं कि इस समय ऐसे कौन से प्रभावी उपाय हैं, जो आम की फसल को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। aam ki dekhbhal
किसान इस वक्त आम की फसल की करे ऐसे निगरानी, वरना झेलने होंगे बड़े नुकसान।

Mango Crop (aam ki dekhbhal)

आम की फसल (Mango Crop) के लिए यह समय बेहद ही महत्वपूर्ण है। यह समय आम में फल की गुठली लगने की प्रक्रिया के शुरू होने का है। असल में शुरुआत में आम के पेड़ में जिनते बौर लगे थे, उसमें से 95 फीसदी बौर इस समय तक गिर चुके होते हैं और 5 फीसदी बौर ही फल का रूप लेते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए मौजूदा समय को बागवानी विशेषज्ञ आम की फसल महत्वपूर्ण मानते हैं। Mango Crop (aam ki dekhbhal)


ऐसे समय में किसानों को कुछ प्रभावी उपाय करने की जरूरत होती हैं. अगर यह प्रभावी किसानों की तरफ से नहीं अपनाए जाते हैं तो आम की फसल पर कीड़े लगने की संभावना रहती है। आईए बागवानी विशेषज्ञ और डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के फल वैज्ञानिक डॉ एसके सिंह से जानते हैं कि इस समय ऐसे कौन से प्रभावी उपाय हैं, जो आम की फसल को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। Mango Crop (aam ki dekhbhal)

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के फल वैज्ञानिक डॉ एसके सिंह के मुताबिक आम की बागवानी करने वाले किसानों के लिए यह समय बेहद जरूरी है। Mango Crop (aam ki dekhbhal)

इस समय किसानों को आवश्यक रूप से सभी पेड़ों की निगरानी करनी चाइए। डाॅ सिंह के मुताबिक आम के पेड़ स्वयं निर्धारित करता है कि वह कितने फलों का पोषण कर सकता है। Mango Crop (aam ki dekhbhal)


इसी अनुरूप ही वह आम के बोरों को फलों के रूप में बदलता है, लेकिन कभी-कभी पेड़ जब बहुत पुराना हो जाता है, तो उसके अंदर यह निर्धारित करने की क्षमता खत्म हो जाती है। ऐसे में आम के बौरों का गिरना जारी रहता है. जिसकी रोकथाम के लिए किसानों को आम के पेड़ों की आवश्यक रूप से निगरानी करनी चाहिए। Mango Crop (aam ki dekhbhal)

निगरानी के दौरान अगर किसानों को यह लगता है कि अभी भी आम के पेड़ से बौर गिरना जारी है, तो उन्हें इस अवस्था में हल्की सिंचाई शुरू कर देनी चाहिए। जिससे बाग की मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन इस बात का ध्यान देना चाहिए कि पेड़ के आस पास जलजमाव न हो। Mango Crop (aam ki dekhbhal)


यदि आम का पेड़ 10 वर्ष या 10 वर्ष से ज्यादा है तो उसमें 500-550 ग्राम डाइअमोनियम फॉस्फेट, 850 ग्राम यूरिया एवं 750 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश एवं 25 किग्रा का मिश्रण तैयार कर उसका छिड़काव करना चाहिए।Mango Crop (aam ki dekhbhal)

गुठली बनने की अवस्था में फलों पर छिड़काव किए गए कीटनाशकों से संतोषजनक परिणाम मिलते है. क्लोरिपायरीफॉस 2.5 मिली लीटर पानी का स्प्रे करने से भी आम के फल छेदक कीट को प्रभावी ढंग से नष्ट किया जा सकता हैं। Mango Crop (aam ki dekhbhal)

विगत वर्ष फल मक्खी की वजह से भारी नुकसान देखा गया. बिहार में करोड़ों रुपए का आम का नुकसान देखा गया था. विगत दो वर्षो से भारी वर्षा की वजह से वातावरण में भारी नमी होने की वजह से इस साल भी फल मक्खी से भारी नुकसान होने की संभावना है। Mango Crop (aam ki dekhbhal)


फल मक्खी के प्रभावी नियंत्रण के लिए फल की तुड़ाई से कम से कम 2 महीने पूर्व बाग में के फेरोमैन ट्रैप 15 हेक्टेयर की दर से अवश्य लगाए. कीटनाशकों द्वारा फल मक्खी का प्रभावी नियंत्रण नही होता है। Mango Crop (aam ki dekhbhal)

देश में आम उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश एवं बिहार में प्रमुखता से इसकी खेती होती है. वर्ष 2018-19 संख्यिकी के अनुसार भारतवर्ष में 2296 हजार हेक्टेयर में आम की खेती होती है. जिससे 21378 हजार टन उत्पादन प्राप्त होता है। Mango Crop (aam ki dekhbhal)


आम की राष्ट्रीय उत्पादकता 8.7 टन प्रति हेक्टेयर है. बिहार में 150.68 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसकी खेती होती है. जिससे 1479.58 हजार टन उत्पादन प्राप्त होता है. बिहार में आम की उत्पादकता 9.8 टन प्रति है, जो राष्ट्रीय उत्पादकता से थोड़ा ज्यादा है। Mango Crop (aam ki dekhbhal)

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