लाल मूली की खेती से इस बार किसान ले रहे ज़्यादा मुनाफा, लागत कम अधिक कमाई।

lal muli ki kheti: लाल मूली में सफेद की तुलना में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, red radish farming जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती है। लाल मूली की बुवाई के लिए यह समय काफी उपयुक्त है। lal muli ki kheti

लाल मूली की खेती से इस बार किसान ले रहे ज़्यादा मुनाफा, लागत कम अधिक कमाई।

lal muli ke kheti

पारंपरिक फसलों की खेती के अलावा आज के समय में सब्जियों की खेती red radish farming से भी किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। lal muli ki kheti अगर आप भी सब्जियों की खेती करने के इच्छुक हैं तो मूली की अच्छी किस्मों को चुनकर आप अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। lal muli ki kheti उन्नत किस्मों से न केवल अधिक उत्पादन मिलता है, बल्कि उनकी गुणवत्ता भी बहुत अच्छी होती है। यही कारण है कि बाजार में उचित मूल्य उपलब्ध है। lal muli ki kheti


सर्दी का मौसम हरी और रंगीन सब्जियों के लिए जाना जाता है। red radish farming इस समय वातावरण में मौजूद नमी फसलों की वृद्धि में मदद करती है। ऐसे में अगर किसान फसलों की बुवाई का काम सही समय पर करें तो वे आसानी से बेहतर मुनाफा ले सकते हैं lal muli ki kheti

वैसे सब्जियों के लिए सबसे जरूरी है सलाद के लिए पर्याप्त वेरायटी का होना। red radish farming इस समय बाजार में मूली, गाजर, खीरा और पत्ता गोभी जैसी कई सब्जियां उपलब्ध हैं। लेकिन फिर भी लाल मूली बाजार में कम ही देखने को मिलती है। अगर किसान इसकी खेती करते हैं तो वे सामान्य मूली की तुलना में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। lal muli ki kheti

लाल मूली की विशेषता

लाल मूली में सफेद की तुलना में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, red radish farming जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती है। लाल मूली की बुवाई के लिए यह समय काफी उपयुक्त है। इस समय किसान लाल मूली की पूसा मृदुला किस्म की रोपाई कर सकते हैं। मूली की इस किस्म का रंग लाल होता है। lal muli ki kheti

मूली की इस किस्म को सितंबर से फरवरी तक बोया जा सकता है। खास बात यह है कि इस किस्म को पूरे भारत में बोया जा सकता है। एक हेक्टेयर में बुवाई से 135 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। lal muli ki kheti


पूसा मृदुला मूली की जड़ ऊपर के आकार की होती है। red radish farming इसका रंग चमकीला लाल होता है। यह खाने में नरम होती है और इसका स्वाद कुछ तीखा होता है। इसकी पत्तियाँ गहरे रंग की होती हैं। यह किस्म बुवाई के 20 से 25 दिनों के बाद तैयार हो जाती है। lal muli ki kheti

लाल मूली की खेती के लिए रखें इन बातों का ध्यान

डीडी किसान की एक रिपोर्ट के अनुसार, लाल मूली की खेती red radish farming के लिए जीवाश्मों की अच्छी जल निकासी वाली दोमट दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। red radish farming इसके अलावा दोमट, बलुई मिट्टी में भी लाल मूली की अच्छी उपज ली जा सकती है। लाल मूली के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। lal muli ki kheti


खेत को तैयार करने के लिए सबसे पहले 8 से 10 टन गोबर और कम्पोस्ट को बराबर मात्रा में पूरे खेत में फैला दें। इसके बाद अच्छी तरह से खेती कर लें। हर जुताई के बाद एक पाड़ा लगाएं, जिससे खेत समतल हो जाए। lal muli ki kheti

बुवाई के लिए एक हेक्टेयर में 8 से 10 किग्रा बीज पर्याप्त होता है। बिजाई करते समय कतार से कतार की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखें। लाल मूली की खेती से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए गाय का गोबर, 80 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फास्फोरस और 60 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें। lal muli ki kheti

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