kharbuja ki kheti: वर्तमान में महाराष्ट्र में किसान बागवानी करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। Melon Farming खरबूजे को भी अच्छी कमाई करने वाले फलों में गिना जाता है। kharbuja ki kheti
kharbuja ki kheti Melon Farming ( खरबूजे की खेती )
Melon Farming: गर्मी के दिनों में खाए जाने वाले बेहद स्वादिष्ट और सेहतमंद फल खरबूजे की बुवाई का समय नजदीक आ रहा है. इसे दिसम्बर से मार्च तक बोया जा सकता है। खरबूजे की खेती पंजाब, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार आदि में की जाती है। Melon Farming
यह महाराष्ट्र में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण फसल है। kharbuja ki kheti यहां लगभग 238 हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती की जाती है। खरबूजे की खेती महाराष्ट्र के लगभग सभी जिलों में की जाती है। ग्रीष्म ऋतु में नदी घाटियों के साथ-साथ बागवानी की बहुत सारी फसलें उगाई जाती हैं। Melon Farming
खरबूजे का फल मीठा और स्वादिष्ट होता है। इस फल में चूना, फास्फोरस और कुछ विटामिन ए, बी, सी जैसे खनिज होते हैं। kharbuja ki kheti इसलिए बाजार में इसकी अच्छी मांग है। इसलिए किसान अच्छी तरह से इसकी खेती करके अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। Melon Farming
खरबूजे की खेती के लिए भूमि और जलवायु
इस फसल के लिए दोमट और मध्यम काली जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त होती है। इन फसलों के लिए उपयुक्त मिट्टी का स्तर 5.5 से 7 है। इस फसल को गर्म और शुष्क मौसम और भरपूर धूप की आवश्यकता होती है। kharbuja ki kheti
बेल की वृद्धि के लिए 24 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श है। यदि तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे और 32 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ता या गिरता है, तो यह लताओं के विकास और फलों के सेट पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। kharbuja ki kheti
खरबूजे की खेती के लिए खाद की मात्रा
खरबूजे की खेती के लिए 90 किग्रा. नाइट्रोजन, 70 किग्रा। फास्फोरस तथा 60 किग्रा. पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए। kharbuja ki kheti
रासायनिक उर्वरकों में नाईट्रोजन की आधी मात्रा तथा फास्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा नालियों या ट्रे बनाते समय खेत में डालें। नाइट्रोजन की बची हुई मात्रा को दो बराबर भागों में बाँट कर खड़ी फसल में जड़ों के पास बुवाई के 20 और 45 दिन बाद देना चाहिए। kharbuja ki kheti
बोरॉन, कैल्शियम और 3 मिलीग्राम मोलिब्डेनम। प्रति लीटर की दर से छिड़काव करने से फलों की संख्या और कुल उपज में वृद्धि होती है। kharbuja ki kheti
खरबूजे की किस्में और रोपण
काशी मधु, हारा मधु, पंजाब सुनहरी और पंजाब शंकर आदि हैं। खेत को लंबवत और क्षैतिज रूप से हल करें, गांठों को तोड़ें और थ्रेसिंग फ्लोर प्रदान करें। खेत में अच्छी तरह सड़ी हुई 15 से 20 खाद डालें। kharbuja ki kheti
फिर बिखेर दें। खरबूजे के लिए 1.5 से 2 किलो बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है। 3 ग्राम थीरम प्रति किलो बीज बोने से पहले डालें। kharbuja ki kheti
खरबूजे की फसल को बीमारियों से बचाने के उपाय
केवड़ा - पत्ती के नीचे की तरफ पीले भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं और फिर पत्ती के डंठल और शाखाओं तक फैल जाते हैं। इसे 0.2% तीव्रता पर डाइथीन जेड-78 का छिड़काव करके नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें फ्रूट फ्लाई, लीफ टनल वर्म भी होता है। kharbuja ki kheti
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