चंदन की हाइब्रिड किस्में, इसके पेड़ से ले सकते है जबरदस्त मुनाफा।

sandalwood hybrid varietiesचंदन की यह किस्म मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में पाई जाती है, चंदन की हाइब्रिड किस्में जिसे इत्र, दवाई, हवन सामग्री और महंगी सजावट की चीजों को बनाने के लिए इस्तेमाल में लाते है। chandan hybrid kisme
चंदन की हाइब्रिड किस्में, इसके पेड़ से ले सकते है जबरदस्त मुनाफा।

चंदन की हाइब्रिड किस्में sandalwood hybrid varieties

चंदन की हाइब्रिड किस्में : चंदन को सबसे ज्यादा मुनाफे देने वाला पेड़ माना जाता है। इस पेड़ की खेती से किसान आसानी से लाखों-करोड़ों कमा सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चंदन की अत्यधिक मांग है। sandalwood hybrid varieties


हालांकि इस डिमांड को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। यही कारण है कि चंदन के पेड़ों की लकड़ियों के कीमतों में पिछले कई सालों से भारी वृद्धि देखी गई है। sandalwood hybrid varieties

चंदन के पौधों को जैविक और पारंपरिक दो तरीकों से उगाया जा सकता है। इसके पेड़ों को जैविक तरीके से उगाने में करीब 10 से 15 साल लगते हैं, जबकि पारंपरिक तरीके से एक पेड़ को उगाने में करीब 20 से 25 साल लग जाते हैं। sandalwood hybrid varieties

ये पेड़ रेतीले और बर्फीले क्षेत्रों को छोड़कर किसी भी क्षेत्र में लगाए जा सकते हैं. चंदन का उपयोग फर्नीचर बनाने से लेकर इत्र और सौंदर्य प्रसाधन और यहां तक ​​कि आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। sandalwood hybrid varieties

चंदन की हाइब्रिड किस्में sandalwood hybrid varieties

लाल चन्दन sandalwood hybrid varieties

इस किस्म की चंदन को रक्त चंदन के नाम से भी जाना जाता है। लाल चंदन के पौधों में सफ़ेद चंदन की भांति खुशबु नहीं आती है। चंदन की यह किस्म मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में पाई जाती है, जिसे इत्र, दवाई, हवन सामग्री और महंगी सजावट की चीजों को बनाने के लिए इस्तेमाल में लाते है। इसका पूर्ण विकसित पौधा सफ़ेद चंदन के पौधे से कम लम्बा होता है। चंदन की हाइब्रिड किस्में

लाल चंदन की खेती sandalwood hybrid varieties

लाल चंदन की खेती में इसके पेड़ की औसत ऊंचाई 8 से लेकर 11 मीटर तक होती है। इस लकडी का घनत्व पानी की अपेक्षा अधिक होता है जिसके कारण यह पानी में डूब जाती है। chandan hybrid kisme

तमिलनाडु की सीमा से लगे आंध्र प्रदेश के चार जिलों नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में फैली शेषाचलम की पहाड़ियों में ही लाल चंदन के पेड़ पाए जाते हैं। chandan hybrid kisme

सफ़ेद चन्दन sandalwood hybrid varieties

इस किस्म की चंदन की लकड़ी का रंग सफ़ेद होता है, इसे मुख्य रूप से व्यापारिक इस्तेमाल के लिए उगाया जाता है। सफ़ेद चंदन की लकड़ी अधिक खुशबु वाली होती है, जिस वजह से सफ़ेद चंदन की कीमत लाल चंदन की अपेक्षा काफी अधिक होती है। sandalwood hybrid varieties

इसे तेज़, औषधि, साबुन, इत्र और चंदन तेल जैसी महंगी चीजों को बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसका पूर्ण विकसित पौधा 15 मीटर से अधिक लम्बा हो सकता है। sandalwood hybrid varieties

सफ़ेद चंदन की खेती

 सफेद चंदन की खेती में मोटी कमाई करने के लिए सफ़ेद चंदन की खेती बहुत फायदेमंद है. इसमें आपकी लगात 80 से 1 लाख तक आती है. जिसके बाद आपको 60 लाख से भी अधिक मुनाफा मिलता है. चंदन के एक पेड़ से 6-10 किलो लकड़ी प्राप्त होती है. अगर आप 1 एकड़ में चंदन की खेती करते हैं, तो आपको इसके पेड़ों के बढ़ने के लिए 10 से 12 वर्षों तक इंतज़ार करना पड़ता है। sandalwood hybrid varieties

मलयागिरी चंदन sandalwood hybrid varieties

एक सदाबहार पेड़, मलयागिरी चंदन, 20-30 फीट तक ऊँचा हो सकता है। यह दक्षिण भारत के मैसूर, कुर्ग, हैदराबाद, नीलगिरि और पश्चिमी घाटों का मूल निवासी है। यद्यपि चंदन की कई किस्में हैं, मलयागिरी चंदन या श्रीखंड उन सभी में सबसे प्यारा और वास्तविक है! पेड़ में एक मनमोहक सुगंध के साथ बेज-सफेद रंग की लकड़ी होती है। इन पेड़ों की लकड़ी का उपयोग सुंदर बक्से और स्टूल बनाने में किया जाता है। sandalwood hybrid varieties

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