इस किसान ने 10 हजार रुपए की लागत से सीताफल की खेती शुरू की, अब हर साल 10 की आमदनी।

sitaphal safal kisan mansukh from gujarat: मनसुख कहते हैं कि मेरे दोनों बेटे पढ़े-लिखे हैं, लेकिन वे कहीं नौकरी के लिए नहीं गए। उनका भी मन बागवानी में लग गया है और वे मेरे साथ मिलकर खेती कर रहे हैं। सीताफल की खेती
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sitaphal safal kisan mansukh from gujarat

ट्रेडिशनल फर्मिग में अगर मुनाफा न हो रहा हो तो बगवानी एक बेहतरीन विकल्प है। कई किसान बगवानी में किस्मत आजा रहे हैं और अच्छी कमी भी कर रहे हैं।  सीताफल की खेती गुजरात के वीरपुर जीवित मनसुख दुधारा भी उनमें से एक है। वे कुछ वर्षों से सीताफल, अनार, अमरुद और पपीता जैसे फलों की खेती कर रहे हैं।गुजरात के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में वे अपने फलों की मार्केटिंग कर रहे हैं। sitaphal safal kisan mansukh from gujarat


कुछ उत्पाद उनके पास हैं इससे सालाना 10 लाख रुपए उनकी कमाई हो जाती है।मनसुख बताते हैं कि पहले मैं देसी सीताफल की खेती करता था।  सीताफल की खेती इसमें प्रोडक्शन और आमदनी दोनों ही कम इसके बाद मैंने हाइब्रिड किस्म की फार्मिंग शुरू की। इसका फायदा यह हुआ कि हमारा प्रोडक्शन बढ़ गया। कई फ्रूट्स हमारे एक किलो से भी ज्यादा वजन के निकले। फिर हमने इसकी मार्केटिंग शुरू की तो अच्छी खासी आमदनी हुई।sitaphal safal kisan mansukh from gujarat

मनसुख कहते हैं कि मेरे दोनों बेटे पढ़े-लिखे हैं, लेकिन वे कहीं नौकरी के लिए नहीं गए।  सीताफल की खेती उनका भी मन बागवानी में लग गया है और वे मेरे साथ मिलकर खेती कर रहे हैं। दोनों ने मिलकर एक नर्सरी भी तैयार की है। फिलहाल मनसुख 10 बीघे जमीन में बागवानी कर रहे हैं। इसमें सीताफल की देसी और हाइब्रिड दोनों ही तरह की वैराइटी हैं। sitaphal safal kisan mansukh from gujarat


अभी उनके पास करीब हाइब्रिड किस्म के 900 सीताफल के प्लांट्स हैं।  सीताफल की खेती वे कहते हैं कि इस साल भारी बारिश के बदा भी अच्छे रख-रखाव से हर दिन 35 से 40 किलोग्राम सीताफल का प्रोडक्शन हम कर रहे हैं। सीताफल बाजार में 40 रुपए से 120 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। sitaphal safal kisan mansukh from gujarat

10 हजार रुपए की लागत से की शुरुआत

मनसुख के बेटे केतन ने बताया कि मेरे पिता ने करीब 5 साल पहले सीताफल के खेती शुरू की थी। उस दौरान 10 हजार रुपए की लागत आई थी। हालांकि, तब उसी के हिसाब से दाम मिल रहे थे। लेकिन पिछले 3 से 4 साल में उत्पादन तेजी से बढ़ गया है। अब खेत में एक-एक किलो के सीताफल उग रहे हैं, जिनकी डिमांड दुबई तक है। इसमें देसी सीताफल के मुकाबले कम बीज होते हैं। 1 किलो हाइब्रिड सीताफल में में 15 से 20 बीज होते हैं जबकि देसी सीताफल में 35 से 40 बीज होते हैं। इसलिए इसकी डिमांड अधिक है। sitaphal safal kisan mansukh from gujarat

कम से कम 350 ग्राम होता है एक सीताफल का वजन

तन बताते हैं कि देसी सीताफल 150 से 200 ग्राम तक का होता है, लेकिन हाइब्रिड सीताफल का वजन ज्यादा होता है। आमतौर पर एक हाइब्रिड सीताफल का वजन करीब 500 किलो तक होता है। कई सीताफल एक किलो वजन के भी होते हैं। sitaphal safal kisan mansukh from gujarat


हालांकि कुछ फलों का वजन कम भी होता है, लेकिन फिर इतना तो तय है कि किसी भी हाइब्रिड सीताफल का वजन 350 ग्राम से कम नहीं होता है। इसके साथ ही हाइब्रिड फ्रूट जल्द खराब भी नहीं होता है। देसी सीताफल 2 से 3 दिन तक सुरक्षित रहता है। जबकि हाइब्रिड सीताफल 10 से 15 दिनों तक आराम से चल जाता है। sitaphal safal kisan mansukh from gujarat

 कहते हैं कि हम खुद सीताफल की नई किस्में बनाते हैं। हमने दो किस्में लगाई हैं। इनमें एनएमके गोल्डन और डीकेएम-3 शामिल हैं। इसके अलावा मीठे बेर की तीन किस्में बोई गई हैं। इनमें कश्मीरी, सीरियस और सुंदरी बेर शामिल हैं। एक प्लांट से करीब 15 से 20 किलो बेर का प्रोडक्शन सालाना हो जाता है। साथ ही हमने 5 बीघा जमीन में अमरूद और ताइवानी आंवले भी उगाए हैं, जिनका प्रोडक्शन अगले साल से भी लोग ऑर्डर कर रहे हैं। 
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