गन्ने की बुवाई का सही तरीका और गन्ने की उन्नत किस्मे।

method of sowing sugarcane: गन्ने की बुवाई अक्टूबर से भी की जा सकती हैं. इस समय बुवाई के दो लाभ हैं. गन्ने व शक़्कर की उपज बढ़ती है और साथ ही गेहूं सरसों या चुकुन्दर की मिश्रित फसल भी ली जा सकती है. improved varieties of sugarcane.

गन्ने की बुवाई का सही तरीका (method of sowing sugarcane)

ठंडी के मौसम में शुरू होने वाली इस खेती को मुनाफे की खेती कहा जाता है. sowing sugarcane आप अगर पहली बार गन्ने की खेती करने जा रहे हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है। आप गन्ने की खेती करने जा रहे हैं तो मौसम के हिसाब से किन कस्मों का चयन करेंगे, इसके बाद बुवाई का सही तरीका क्या होगा, इस खबर में आपको इन सबकी जानकारी मिलेगी। sowing sugarcane

बसंत कालीन बुवाई sowing sugarcane

मध्य फरवरी से मध्य मार्च बुवाई करें. इसके बाद बुवाई करनी हो तो बीज की दर कुछ बड़ा देनी चाहिए. 15 मार्च बाद बुवाई करने हेतु सी ओ 419 के बजाए सी ओ 1007 किस्म काम में लेनी चाहिए. शरदकालीन गन्ने की अपेक्षा बसन्तकालीन गन्ने में उपज अधिक प्राप्त होती है। 
किसान करे गन्ने sugarcane की इस वेरायटी Co 13235 की खेती, बदल सकती है किसानों की तकदीर।

शरदकालीन बुवाई sowing sugarcane

गन्ने की बुवाई अक्टूबर से भी की जा सकती हैं. इस समय बुवाई के दो लाभ हैं. गन्ने व शक़्कर की उपज बढ़ती है और साथ ही गेहूं सरसों या चुकुन्दर की मिश्रित फसल भी ली जा सकती है. इसके लिए गन्ने की बुवाई 15 से 20 अक्टूबर तक अवश्य कर देनी चाहिए. यह फसल 13 से 14 माह में तैयार हो जाती है।

ग्रीष्मकालीन बुवाई sowing sugarcane

देर से बुवाई (गेहूं के बाद मध्य अप्रैल में) इस स्थिति में गन्ना लेने पर 250 किलो नाइट्रोजन प्रति हक्टेयर डालें और गन्ने की किस्म सी ओ एल के 8001 बोए और कतार से कतार की दूरी 60 सेमी. रखे।

गन्ना बुवाई की विधि sowing sugarcane

  • गन्ने की बुवाई सपाट व फेरो विधि से करनी चाहिए। इसके लिए पलेवा देकर खेत तैयार करने के बाद 75-90 सेमी. के फासले पर गहरे कुंड निकाले. भारी व अच्छी उपजाऊ भूमियों में पंक्ति से पंक्ति की दुरी 90 सेमी. एवं हल्की एवं कम उपजाऊ मृदा में यह दुरी 75 सेमी. रखें.sowing sugarcane
  • इन कुंडों में दीमक आदि कीड़ों की रोकथाम हेतु कीटनाशक डालकर ऊपर से गन्ने के टुकड़ों को ड्योढ़ा मिलकर रख दे और फिर पाटा फेर दे ताकि टुकड़े अच्छी प्रकार मिटटी में ढंक जाए. बुवाई के तीसरे सप्ताह में एक सिंचाई देकर सावधानी से अंधी गुड़ाई करें, ऐसा करने से मिट्टी की पपड़ी उखड जएगी और अंकुरण अच्छा होगा। method of sowing sugarcane
  • चिकनी मिट्टी वाले क्षेत्रों में जमीन भुरभुरी तैयार नहीं हो पाती है. इसलिए इन क्षेत्रों में सूखी मिट्टी में बुवाई करनी चाहिए. इसके लिए सुखी मिट्टी में 75-90 सेमी. की दूरी पर गहरे कुंड निकालकर उनमे उर्वरक तथा भूमि उपचार हेतु औषधि डाल दें. इसके बाद गन्ने के टुकड़ों को ड्योढ़ा (तिरछा) रख दे और पाटा फेरकर तुरंत सिंचाई कर दें. ध्यान रहे की पहली सिंचाई हल्की और समान होनी चाहिए. जब खेत बाह पर आ जाए तो अच्छी तरह अंधी गुड़ाई करें. इसके 15-20 दिन बाद दोबारा सिंचाई कर गुड़ाई करें. इससे अंकुरण अच्छा होगा। method of sowing sugarcane
  • खाली स्थानों पर रोपाई हेतु गन्ने की तीन-चार अतिरिक्त पंक्तिया बोएं. जहां अंकुरण कम हुआ हो, वहां बुवाई के 25-30 दिन बाद एक आँख वाले टुकड़े को निकालकर रोपाई करें। sowing sugarcane

गन्ने की उन्नत किस्म varieties of sugarcane

किस्म को. 0238 Co 0238 (करन 4) varieties of sugarcane

एक उच्‍च उपजशील और उच्‍च शर्करा मात्रा वाली किस्‍म है जिसे Co LK 8102 x Co 775 के क्रॉस से उत्‍पन्‍न किया गया है. इस किस्‍म का विकास गन्‍ना प्रजनन संस्‍थान, क्षेत्रीय केन्‍द्र, करनाल में किया गया और उसे वर्ष 2009 के दौरान फसल मानकों, अधिसूचना और किस्‍मों को जारी करने वाली केन्‍द्रीय उपसमिति द्वारा हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी और मध्‍य उत्‍तर प्रदेश, उत्‍तराखण्‍ड और राजस्‍थान राज्‍यों को शामिल करते हुए उत्‍तर – पश्चिमी जोन में व्‍यावसायिक खेती के लिए एक अगेती किस्‍म के रूप में जारी किया गया. varieties of sugarcane
अवधि: 12-14 महीने उपज: 81 टन प्रति हेक्टेयर विशेषता: गुड़ हल्‍के पीले रंग के साथ ए-1 गुणवत्‍ता वाला है. यह किस्‍म लाल सड़न रोगजनक की प्रचलित नस्‍ल की संतुलित प्रतिरोधी है. यह किस्‍म कहीं तेज गति से खेत में फैलती है और इसलिए किसानों और चीनी उद्योग दोनों द्वारा इसे पसंद किया जाता है. varieties of sugarcane

किस्म : को. 86032 अवधि (माह) varieties of sugarcane

12-14 उपज (टन/हे.): 110-120 शक्कर (प्रतिशत में) : 22-24 प्रमुख विशेषताए : उत्तम गुड़, अधिक शक्कर, कम गिरना, जडी गन्ने के लिए उपयुक्त, पाईरिल्ला व अग्रतना छेदक का कम प्रकोप, लाल सड़न कंडवा उक्ठा प्रतिरोधी।

किस्म : को. 7318 अवधि (माह) varieties of sugarcane

12-14 उपज (टन/हे.): 120-130 शक्कर (प्रतिशत में) : 18-20 प्रमुख विशेषताए : अधिक शक्कर, रोगों का प्रकोप कम, पपड़ी कीटरोधी। varieties of sugarcane
गन्ने के खेत से सभी खरपतवार खत्म करने का सफल यंत्र।  

किस्म : को.जे.एन.86-600 अवधि (माह) varieties of sugarcane

12-14 उपज (टन/हे.): 110-130 शक्कर (प्रतिशत में): 22-23 प्रमुख विशेषताए : उत्तम गुड़, अधिक शक्कर, पाईरिल्ला व अग्रतना छेदक का कम प्रकोप, लाल सड़न कंडवा उक्ठा प्रतिरोधी. varieties of sugarcane

को.से 13452 varieties of sugarcane

यह मध्यम देर से पकने वाला गन्ना है. 86 से 95 टन प्रति हेक्टेयर इसकी पैदावार होगी. इसमें व्यावसायिक शर्करा उपज 12.08 पाया गया है. varieties of sugarcane
गन्ने की CO 15023 वैरायटी CO 15038 से ज़्यादा उत्पादन देती है।  

को.से 13235 varieties of sugarcane

वैज्ञानिकों का मानना है कि को.से 13235 किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. क्योंकि बाकी गन्नों की तुलना में यह शीघ्र पकने वाला गन्ना है. इसकी उपज 81 से 92 टन प्रति हेक्टेयर है. इसके व्यावसायिक शर्करा की बात की जाए इसमें 11.55 पाया गया है. इसकी फसल 10 माह में पक कर तैयार हो जाती है. varieties of sugarcane

को.से 10239 varieties of sugarcane

यह मध्यम देर से पकने वाला गन्ना है. जल भराव की स्थिति में इसकी पैदावार 63 से 79 टन प्रति हेक्टेयर होती है. ऊसर या बंजर जमीन पर इसकी पैदावार 61 से 70 टन पाई गई है. यही नहीं, खास बात यह है कि इन तीनों ही किस्मों में कीट और रोगों के प्रकोप शून्य है. varieties of sugarcane

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